रीवा राजघराने का तालाब: प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा तालाब, वाटर स्पोर्ट्स पर्यटन का केंद्र
रीवा, मध्य प्रदेश: रीवा राजघराने का तालाब, जिसे गोविंदगढ़ तालाब भी कहा जाता है, प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा तालाब है। यह तालाब अपनी विशालता और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।
इतिहास: यह तालाब रीवा के महाराजा विश्वनाथ सिंह ने 1851 में बनवाया था। तालाब का निर्माण रानी कुसुम कुमारी की याद में किया गया था, जो रीवा के राजा रघुराज सिंह की पत्नी थीं।
विशालता: तालाब 2100 एकड़ में फैला हुआ है और इसकी गहराई 100 फीट तक है। तालाब में कई द्वीप भी हैं, जो इसे और भी सुंदर बनाते हैं।
वाटर स्पोर्ट्स: गोविंदगढ़ तालाब अब वाटर स्पोर्ट्स पर्यटन का केंद्र बन गया है। तालाब में नौका विहार, पैडल बोटिंग, जेट स्कीइंग, और वाटर स्कीइंग जैसी कई गतिविधियों का आनंद लिया जा सकता है।
पर्यटन: तालाब के किनारे कई मंदिर और महल भी हैं, जो इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाते हैं। तालाब के किनारे बने बगीचे भी लोगों को आकर्षित करते हैं।
आर्थिक लाभ: गोविंदगढ़ तालाब रीवा के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक संसाधन भी है। तालाब से होने वाली आय का उपयोग तालाब के रखरखाव और विकास के लिए किया जाता है।
निष्कर्ष: रीवा राजघराने का तालाब रीवा के लिए एक महत्वपूर्ण धरोहर है। यह तालाब न केवल अपनी विशालता और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि यह पर्यटन और आर्थिक विकास का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
यहाँ कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है:
- स्थान: रीवा, मध्य प्रदेश
- निर्माण: 1851
- निर्माता: महाराजा विश्वनाथ सिंह
- क्षेत्रफल: 2100 एकड़
- गहराई: 100 फीट
- पर्यटन गतिविधियाँ: नौका विहार, पैडल बोटिंग, जेट स्कीइंग, वाटर स्कीइंग
- आर्थिक लाभ: पर्यटन, मछली पालन
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